29 फ़रवरी 2020 - 19:01
इस्राईल के साथ किसी भी तरह का संबंध विश्वासघात हैः  अंसारुल्लाह प्रमुख

यमनी के जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रमुख ने कहा कि ज़ायोनी शासन के साथ किसी भी तरह के संबंध बनाना न केवल वर्जित है बल्कि इस्लामी जगत से ग़द्दारी और विश्वासघात है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रमुख अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अलहौसी ने इस्लामी कैलेंडर के पवित्र रजब महीने के आरंभ होने के अवसर पर अपने बयान में इस्लामी जागरूकता के महत्व और दुश्मनों की साज़िशों से मुक़ाबले पर बल देते हुए कहा कि, हम इस समय देख रहे है कि, कुछ अरब देश ज़ायोनी शासन के साथ अपने संबंध बना रहे हैं, जबकि यह न केवल इस्लामी की दृष्टि से वर्जित बल्कि इस्लामी जगत के साथ ग़द्दारी और विश्वासघात है। अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा कि, अरब जगत के कुछ दोग़ले शासक आज न सिर्फ़ अमेरिका और इस्राईल के साथ खड़े हैं बल्कि वे इस्लामी जगत, फ़िलिस्तीन, यमन और अन्य इस्लामी देशों के ख़िलाफ़ दुश्मन की नीतियों को अपनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि, अमेरिका और इस्राईल का केवल एक ही लक्ष्य है और वह यह है कि, किसी भी स्थिति में इस्लामी देशों और उनकी सरकारों को कमज़ोर करना है। अंसारुल्लाह आंदोलन के प्रमुख ने कहा कि आक्रमणकारी शक्तियों के ख़िलाफ़ यमनी राष्ट्र पूरी दृढता और मज़बूती के साथ डटा हुआ है। उन्होंने कहा कि यमन की सेना और स्वयंसेवी बलों ने देश की रक्षा के लिए अपनी रक्षा प्रणाली को और अधिक आधुनिक बना रही है।

इस बीच सूचना प्राप्त हुई हैं कि यमन के कंद्रीय प्रांत अलजौफ़ के अलजज़म शहर को यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों ने पूरी तरह अपने घेरे में ले लिया है और जल्द ही यह शहर आक्रमणकारी शक्तियों के क़ब्ज़े से आज़ाद हो जाएगा। जौफ़ प्रांत में यमनी सेना ने स्वयंसेवी बलों के साथ मिलकर कार्यवाही करते हुए कई महत्वपूर्ण इलाक़ों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। यमनी सेना के हालिया दिनों में कार्यवाही करते हुए लगभग अलजौफ़ के 70 प्रतिशत इलाक़ों पर अपना नियंत्रण कर लिया है।

ज्ञात रहे कि सऊदी अरब यमन में अपनी मर्जी की सरकार सत्ता में लाने के लिए मार्च 2015 से पश्चिमी एशिया के इस ग़रीब देश पर युद्ध थोप रखा है और अमेरिका, इस्राईल सहित कई अरब देशों के साथ मिलकर लगातार हमले कर रहा है। इस युद्ध से यमन को भारी नुक़सान उठाना पड़ा है लेकिन यमन की सेना और स्वयंसेवी बलों ने अपनी धरती की रक्षा की है और सऊदी अरब और उसके सहयोगियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।